चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल,शनिवार यानी आज से शुरू होकर 10 अप्रैल,रविवार तक चलेगी। इस दौरान देशभर में नवरात्रि के 9 दिनों में देवी मां के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करने से खास कृपा बरसती है। इस दौरान लगभग हर नवरात्रि करने वालों के घर में घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। इस बार नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त 2 अप्रैल 2022,शनिवार को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। यदि इस मुहुर्त में कलश स्थापना नहीं कर पाते हैं तो अभिजित काल में 11:48 से 12:37 तक कलश स्थापना कर सकते हैं।
दुर्गा सप्तशती की महिमा
सप्तशती में कुछ ऐसे भी स्तोत्र और मंत्र हैं जिनके विधिवत पाठ से वांछित फल की प्राप्ति होती है।
सर्वकल्याण के लिए
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
बाधा मुक्ति और धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजही।।
9 दिन में करें मां के नौ रूपों की पूजा
अपने कुल देवी देवता की पूजा के साथ-साथ नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना अर्थात घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि की शुरुआत होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री तो दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा,चौथे दिन मां कुष्मांडा,तो पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन मां कात्यायनी एवं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। आठवें दिन महागौरी तो नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
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